पाकिस्तान जाकर घर जैसा लगा: कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा का बयान, BJP का पलटवार

 परिचय

कांग्रेस नेता और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने हाल ही में पाकिस्तान यात्रा को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जाकर उन्हें "घर जैसा" महसूस हुआ। इस बयान ने तुरंत ही सियासी तूफ़ान खड़ा कर दिया और बीजेपी ने कांग्रेस पर राष्ट्रीय हितों को कमजोर करने का आरोप लगाया।



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सैम पित्रोदा, जो इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख हैं, ने पड़ोसी देशों से रिश्ते बेहतर बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति की शुरुआत पड़ोसियों से मजबूत संबंध बनाने से होनी चाहिए।

उनके शब्दों में –
"मैं पाकिस्तान गया हूँ और मुझे वहाँ घर जैसा लगा। मैं बांग्लादेश, नेपाल भी गया हूँ और वहाँ भी घर जैसा लगा। मुझे नहीं लगता कि मैं किसी विदेशी देश में हूँ। वे लोग हमारी तरह दिखते हैं, हमारी तरह बोलते हैं, हमारे गाने सुनते हैं और वही खाना खाते हैं। हमें उनसे शांति और सहयोग के साथ रहना चाहिए।"

पित्रोदा ने पड़ोसी देशों को "छोटा और मदद की ज़रूरत वाला" बताया और कहा कि आतंकवाद की समस्या के बावजूद, क्षेत्रीय शांति और सहयोग पर ज़ोर देना चाहिए।

यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने विदेश नीति पर विवादित बयान दिया हो। इससे पहले फरवरी में चीन को लेकर भी उन्होंने कहा था कि भारत चीन के खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है और दुश्मन की बजाय सहयोगी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

अधिकारियों और स्थानीय प्रतिक्रिया

सैम पित्रोदा के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा:
"राहुल गांधी के चहेते और कांग्रेस ओवरसीज़ प्रमुख सैम पित्रोदा कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में घर जैसा लगा। कोई आश्चर्य नहीं कि यूपीए सरकार ने 26/11 हमले के बाद भी पाकिस्तान पर कोई सख़्त कार्रवाई नहीं की। पाकिस्तान का पसंदीदा, कांग्रेस का चुना हुआ!"

बीजेपी ने कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे बयानों से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों को नुकसान पहुँचता है।

निष्कर्ष

सैम पित्रोदा का "पाकिस्तान में घर जैसा लगा" वाला बयान नई राजनीतिक बहस का कारण बन गया है। कांग्रेस पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और शांति की वकालत कर रही है, वहीं बीजेपी इसे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बता रही है। यह विवाद एक बार फिर दिखाता है कि विदेश नीति पर कांग्रेस और बीजेपी की सोच में कितना गहरा फर्क है।

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